30 साल में एक बार रहस्‍यमयी चट्टान से निकलता है ‘अंडा’, चुराकर भागते हैं लोग!

चीन अपने आप में ऐसे कई रहस्य समेटे हैं जिसके बारे में दुनिया सिर्फ अनुमान या अटकले लगा पाती है. कोरोना के वायरस को वुहान की लैब में बनाने की खबरें हो या फिर खुद का कृतिम सूरज बनाने की क्षमता इससे इतर चीन के गिझोउ प्रांत में एक ऐसी चट्टान का पता चला है जो हर तीस साल में अंडे (Rocks Lays Eggs Every 30 Years) देती है. ऐसा क्यों होता है इसका पता लगाने की बात वैज्ञानिकों ने कही है लेकिन उनका जवाब को समझने के बजाए चीनी लोग पत्थर वाले अंडे को पाने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं.

रहस्यमयी चट्टान

‘द मेट्रो’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक आजतक आपने मुर्गियों को अंडे देते देखा और सुना होगा. लेकिन चीन की ये रहस्यमयी चट्टान अंडे देती है. ये चट्टान तीस साल तक अंडे को अपने अंदर रखकर सेती है. तीस साल बद ये अंडे चट्टान से खुद अलग हो जाते हैं. इस चट्टान की ऊंचाई 19 फीट और लंबाई 65 फीट है. इस अकल्पनीय घटनाक्रम को देखने के लिए पूरे चीन से लोग यहां आते हैं और दुआ करते हैं कि काश उन्हें एक अंडा मिल जाए.

इस रहस्यमयी टीले को चन दन या के नाम से जाना जाता है. ये अंडे देने वाली चट्टान काले रंग की है. जिसके अंडे बाहर से चिकने होते हैं. ये अपने आप चट्टान की सतह से धीरे-धीरे बाहर की तरफ निकलने लगते हैं और तीस साल बाद खुद उससे अलग हो जाते हैं जैसे कोई नेचुरल प्रसव की प्रकिया पूरी हुई हो.

गुड लक से जुड़ा अंडा

ये अंडे काले और ठंडी सतह के होते हैं. चीनी लोगों का मानना है कि ये अंडा सौभाग्य का प्रतीक है इसलिए वो इसे पाने की चाहत में हर साल यहां आते हैं और सिर्फ इन्हें देखकर ही लौट जाते हैं क्योंकि हर किसी की किस्मत में ये नहीं होता कि वो वहां मौजूद हो और उसके सामने ही चट्टान से अंडा टूटकर गिरे और वो उसे लेकर सीधे अपने घर चला जाए.

क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

इन अंडे का रहस्य सुलझाने में वैज्ञानिक भी सालों से लगे हैं. भू वैज्ञानिकों के मुताबिक ये चट्टान करोड़ों साल पुरानी है. जो लंबे समय से मौसम की हर मार झेल रही है इसके बावजूद इसकी जो एक चीज नहीं बदली वो ये है कि इस चट्टान के अंडे देने की प्रवृति. चीन के दक्षिण-पश्चिमी गिझोउ प्रांत स्थित कियानन बुएई और मियाओ क्षेत्र में बसे गांवों के मूल निवासियों ने खुद अपनी आंखों से इन अंडों के पनपने से लेकर उनके नीचे गिरने तक का हाल अपनी आंखों से देखा है.

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